
डोनाल्ड ट्रंप: राज्य का राष्ट्रपति बनने के बाद डोनाल्ड ट्रंप कई ऐसे फैसले ले रहे हैं, जिनकी काफी आलोचना हो रही है। ट्रंप सरकार द्वारा लिए गए फैसलों को कोर्ट में चुनौती भी दी गई है। ट्रंप के ऐसे ही एक फैसले पर कोर्ट ने नाराजगी जताई है। गौरतलब है कि कुछ समय पहले ट्रंप ने बड़ी संख्या में सरकारी विभाग से जुड़े कर्मचारियों की बर्खास्तगी का आदेश दिया था। एलन मस्क के विभाग (डीओजीई) ने इन कर्मचारियों को निकाल देने की सलाह दी। कोर्ट ने कर्मचारी को नौकरी से निकालने के इस आदेश पर अपनी चिंता जताई है।
सैन फ्रांसिस्को में एक संघीय न्यायाधीश ने गुरुवार को डोनाल्ड ट्रम्प सरकार द्वारा हजारों सरकारी कर्मचारियों को निकालने के आदेश पर अस्थायी रूप से रोक लगा दी। जिला न्यायाधीश लिवियम अलसॉप ने कहा कि इन कर्मचारियों की छंटनी अवैध है। संयुक्त राज्य अमेरिका में ओपीएम (कार्यालय कार्मिक प्रबंधन) को सरकारी एजेंसियों के कर्मचारियों को आग लगाने का अधिकार नहीं है। यूनियनों और गैर-लाभकारी संगठनों ने ट्रंप सरकार के फैसले को अदालत में चुनौती दी थी।
सरकार ने अदालत को बताया कि ओपीएम ने सीधे तौर पर किसी भी एजेंसी के कर्मचारियों को बर्खास्त करने का आदेश नहीं दिया है। एजेंसियों को निर्देशित किया गया है कि वे कर्मचारियों की समीक्षा करें और तय करें कि कौन से कर्मचारी हमेशा के लिए अपनी नौकरी में रहने में सक्षम हैं। केवल उन लोगों को काम पर रखा जाना चाहिए जिनका प्रदर्शन अच्छा है।
इस छंटनी अभियान की जिम्मेदारी ओपीएम (ऑफिस ऑफ पर्सनेल मैनेजमेंट) को सौंपी गई है। विभाग सरकारी कर्मचारियों की भर्ती और उनके व्यक्तिगत डेटा की सुरक्षा का काम देखता है। ओपीएम ने हाल ही में 40 सदस्यों की अपनी पूरी खरीद टीम को निकाल दिया।