
नई दिल्लीः भारत में कर्मचारियों के वेतन और वेतन ढांचे में बदलाव होने जा रहा है। अब से सैलरी तय करने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल किया जाने वाला है। बड़ी कंपनियां अगले 3-4 साल में एआई बेस्ट प्रेडिक्टर मॉडल अपनाकर सैलरी पैकेज तय करेंगी।
जानी-मानी कंपनी की रिपोर्ट के अनुसार, 10 में से 6 कंपनियां कर्मचारियों के वेतन और प्रोत्साहन के बारे में निर्णय लेने के लिए एआई का उपयोग करने को तैयार हैं। वेतन तय करने के साथ, एआई का उपयोग रीयल-टाइम पे इक्विटी विश्लेषण और अनुकूलित लाभों के लिए किया जाएगा। वहीं, आने वाले समय में कंपनियां फिक्स्ड सैलरी स्ट्रक्चर से हटकर एआई-बेस्ड फोरकास्टिंग और रियल टाइम सैलरी रिवीजन की तरफ बढ़ेंगी।
अक्सर आरोप लगते हैं कि कुछ कर्मचारियों को एचआर मैनेजरों की ‘वहलादवाला’ नीति के आधार पर वेतन वृद्धि मिलती है। जबकि, कई मेहनती कर्मचारी छूट गए हैं। एआई वेतन तय करने के तरीके को और अधिक पारदर्शी बनाता है। ब्लॉकचेन और स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट वेतन भुगतान को सुरक्षित और स्वचालित बना रहे हैं। एआई तकनीक ने वेतन निर्धारण की प्रणाली से परे नई संभावनाएं खोल दी हैं। एआई 2028 तक वेतन और बोनस तय करने में अपनी भूमिका देखेगा।
भारत में2025 में औसत वेतन वृद्धि 9.4 प्रतिशत रहने की उम्मीद है। इसमें ई-कॉमर्स में 10.5 फीसदी, वित्तीय सेवाओं में 10.3 फीसदी, वैश्विक क्षमता केंद्रों में 10.2 फीसदी, आईटी में 9.6 फीसदी और आईटी सक्षम सेवाओं में 9 फीसदी की बढ़ोतरी शामिल है। इसके अलावा रिपोर्ट में सामने आया कि 2024 में 17.5 प्रतिशत कर्मचारियों ने कंपनी छोड़ी, जबकि 2023 में 18.3 प्रतिशत थी। जिससे पता चलता है कि कंपनियां आर्थिक स्थिरता बनाए रखने और प्रतिभा की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध हो गई हैं।