
मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में बीसीसीआई (भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड) के दफ्तर से एक बड़ी खबर सामने आई है। कार्यालय चोरी हो गया है और लाखों रुपये का सामान गायब हो गया है। ऐसे में अब सबके मन में एक ही सवाल था कि भारतीय क्रिकेट बोर्ड के दफ्तर में इतनी सुरक्षा के बावजूद इतनी बड़ी चोरी कैसे हो गई? चोरी के मास्टरमाइंड को जब इसके बारे में पता चला तो ऑफिस में भी बवाल मच गया।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस मामले में ऑफिस की सुरक्षा में शामिल एक शख्स को गिरफ्तार किया गया है। बीसीसीआई को इस चोरी के बारे में तब पता चला जब बोर्ड का आंतरिक ऑडिट कराया गया। इस मामले में सिक्योरिटी मैनेजर फारूक असलम खान को गिरफ्तार किया जा चुका है। उन पर आईपीएल 2025 की 261 जर्सी चुराने का आरोप है। पुलिस के मुताबिक हर जर्सी की कीमत 10,000 रुपये है। चोरी किए गए माल का कुल मूल्य 2500 रुपये था और चोरी किए गए माल का कुल मूल्य 2500 रुपये था। यह लगभग 6.52 लाख है।
बीसीसीआई अधिकारियों द्वारा इस महीने किए गए ऑडिट में जर्सी के शेयरों में अनियमितताएं पाई गईं। फिर सीसीटीवी फुटेज की जांच से पता चला कि 13 जून को, आईपीएल 2025 टूर्नामेंट के समापन के कुछ ही दिनों बाद, फारूक असलम खान को स्टोररूम से एक बड़ा कार्टन बॉक्स ले जाते देखा गया, जिसने तुरंत संदेह पैदा कर दिया। 17 जुलाई को मरीन ड्राइव पुलिस स्टेशन में खान के खिलाफ शिकायत दर्ज की गई थी।
पुलिस जांच में पता चला कि फारूक असलम खान ने चोरी की जर्सी हरियाणा के एक ऑनलाइन डीलर को बेची थी, जिससे उसने सोशल मीडिया के जरिए संपर्क किया था। व्यक्ति ने कथित तौर पर डीलर को बताया कि जर्सी बीसीसीआई कार्यालय में नवीनीकरण कार्य के कारण ‘स्टॉक क्लीयरेंस सेल’ के तहत बेची जा रही थी।
जांच में शामिल एक पुलिस अधिकारी ने कहा, डीलर का दावा है कि उसे इस बात की जानकारी नहीं थी कि जर्सी चोरी हो गई है। पूछताछ के दौरान असलम खान ने सेल से मिले पैसों से ऑनलाइन जुए की लत को पूरा करने की बात कबूल की। असलम खान को कुछ दिन पहले चोरी और आपराधिक विश्वासघात के आरोप में संबंधित धाराओं के तहत गिरफ्तार किया गया था, लेकिन वह वर्तमान में जमानत पर बाहर है। इस मामले पर बीसीसीआई की ओर से कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं की गई है।