
चीनी सैनिक पूर्वी लद्दाख की हाड़ कंपा देने वाली ठंड में प्रशिक्षण ले रहे हैं। तो क्या ड्रैगन आर्मी भारत के खिलाफ युद्ध की तैयारी कर रही है? लद्दाख की विषम मौसमी परिस्थितियों में चीनी सैनिकों की गतिविधियां उस संभावना को बढ़ावा देती प्रतीत होती हैं। कई स्रोतों ने दावा किया है कि पीपुल्स लिबरेशन आर्मी की झिंजियांग आर्मी कमांडो की एक रेजिमेंट ने हाल ही में एलएसी पर युद्ध अभ्यास किया था।
झिंजियांग Army ने लद्दाख जैसे चरम मौसम की स्थिति में युद्ध की तैयारी के तहत यह अभ्यास किया। हालांकि, जैसे ही यह खबर सामने आई, Indian Army सतर्क हो गई। 2020 में गलवान घाटी में भारत और चीन के बीच हुई झड़प में कई सैनिक शहीद हो गए। इसके बाद दोनों देशों के सैन्य कमांडरों ने सीमा पर सामान्य स्थिति बनाए रखने के लिए समय-समय पर बैठकें कीं।
भारत और चीन ने एक समझौते के तहत अक्टूबर 2024 में एलएसी से अपने सैनिकों को वापस बुला लिया। हालांकि, विशेषज्ञों का अनुमान है कि भले ही Army को फिलहाल वापस बुला लिया गया हो, लेकिन ड्रैगन की धरती ने किसी बड़ी चीज की तैयारी शुरू कर दी है। कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि लद्दाख के चरम मौसम में युद्ध की तैयारियां यही संकेत दे रही हैं।
विभिन्न मीडिया सूत्रों के अनुसार, पीपुल्स लिबरेशन आर्मी की झिंजियांग आर्मी कमांडो की एक रेजिमेंट ने दुनिया के सबसे ऊंचे युद्धक्षेत्र की तैयारी के तहत यह अभ्यास किया। इस अभ्यास में हथियार प्रशिक्षण के अलावा सैन्य वाहनों, ड्रोनों और विभिन्न हथियारों का इस्तेमाल किया गया।
यहां तक कि सैनिकों को लद्दाख की विषम मौसम स्थितियों से निपटने के लिए शारीरिक और मानसिक प्रशिक्षण भी दिया गया है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह अभ्यास अन्य पांच सामान्य युद्ध अभ्यासों से बिल्कुल अलग है। दुनिया के सबसे ऊंचे युद्धक्षेत्र में विषम मौसम की स्थिति में इस तरह का प्रशिक्षण स्पष्ट रूप से भारत के खिलाफ साजिश का संकेत देता है। हालांकि, Indian Army भी पूरे मामले को लेकर काफी एहतियात बरत रही है।