
Indian Railways में यात्रियों की संख्या समय के साथ बढ़ रही है। इस स्थिति में Indian Railways यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और सुचारू सेवा प्रदान करने के लिए कई बड़े कदम उठा रही है। इस बीच, हाल के दिनों में कई मौकों पर देखा गया है कि रेल की पटरियों पर छड़ें, सिलेंडर या इसी तरह की चीजें रख दी गई हैं। इसलिए रेलवे ने ऐसी घटनाओं को कम करने और दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए बड़े कदम उठाए हैं।
पता चला है कि ऐसी दुर्घटनाओं से बचने के लिए अब इंजन में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस या एआई आधारित कैमरे लगाए जाएंगे। परिणामस्वरूप, एआई की नजर चलती ट्रेनों से लेकर रेलवे पटरियों (Indian Railways) पर भी रहेगी। पिछले कुछ महीनों में देशभर में ट्रेनों को पटरी से उतारने की साजिश के तहत सिलेंडर, खंभे, बड़े पत्थर आदि रखने का मामला प्रकाश में आया है। ऐसी साजिशों से निपटने के लिए रेलवे ने अब इंजनों में एआई आधारित कैमरे लगाने की प्रक्रिया शुरू करने का फैसला किया है।
वास्तव में, लोको पायलट रेल पटरियों पर रखी किसी भी बाधा या संदिग्ध वस्तु को देखने में सक्षम नहीं हो सकता है। लेकिन, इस बार ट्रेन की एआई आंखें इसे जरूर देख लेंगी। और यदि कुछ भी संदिग्ध दिखाई देगा तो यह तुरंत लोको पायलट को संदेश के माध्यम से सचेत कर देगा। रेलवे अधिकारियों के अनुसार, ट्रेनों और पटरियों की सुरक्षा के लिए इंजन में एआई आधारित कैमरे लगाने का निर्णय लिया गया है। इन कैमरों की खासियत यह है कि इनमें लेजर तकनीक भी होगी। इस स्थिति में, यदि ट्रैक पर कुछ संदिग्ध दिखाई देगा, तो लेजर प्रकाश कैमरे पर वापस आ जाएगा। चूंकि यह कैमरा एआई आधारित होगा, इसलिए यह तुरंत संदेश भेजेगा। जिसके माध्यम से लोको पायलट ट्रेन के ब्रेक लगा सकता है।
प्रत्येक इंजन में लगेंगे चार कैमरे: Indian Railways ने जानकारी दी है कि प्रत्येक इंजन में चार कैमरे लगाए जाएंगे। यानी 2 कैमरे आगे और 2 कैमरे पीछे होंगे। ताकि दो दिशाओं पर नजर रखी जा सके। कैमरे की लेजर तकनीक की मदद से एआई दूर से ही संदिग्ध वस्तु को देख सकेगा और छवि से उसकी पहचान कर सकेगा।
यह यह भी पता लगाएगा कि क्या वहां कोई बाधाएं (जैसे जानवर, लोग या विस्फोटक) हैं और तदनुसार अलर्ट भेजेगा। इससे लोको पायलट को पहले ही सचेत किया जा सकेगा और वह ट्रेन की गति कम कर सकेगा, जिससे बड़ा खतरा टल जाएगा।