
Manu Bhaker ने पिछले साल पेरिस ओलंपिक में अपने शानदार गोल प्रदर्शन से पूरे देश का दिल जीत लिया था। भारत के इस स्टार निशानेबाज ने पेरिस ओलंपिक में इतिहास रचते हुए दो पदक जीते। हालाँकि, इस बार एक बड़ा अपडेट सामने आया है। इस संदर्भ में प्राप्त जानकारी के आधार पर पता चला है कि इस दिग्गज निशानेबाज के दोनों पदक वापस ले लिए जाएंगे। जो Manu Bhaker के लिए बहुत खुशी की बात है। जी हां, पहले तो मुझे यह पढ़कर आश्चर्य हुआ, लेकिन यह बिल्कुल सच है।
दरअसल भारत की इस स्टार शूटर (Manu Bhaker) के दो कांस्य पदकों की हालत बहुत खराब हो गई थी। ऐसे में इन पदकों को बनाने वाली फ्रांसीसी कंपनी मोनाई डी पेरिस अब मनु को पदकों का नया ब्रांड देगी। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मनु भाके के पदकों का पेंट क्षतिग्रस्त हो गया था और पेरिस ओलंपिक में पदक जीतने के कुछ ही दिनों बाद पदकों की स्थिति खराब हो गई थी।
कई एथलीटों ने की है यह शिकायत: इस बीच, सिर्फ Manu Bhaker ही नहीं, बल्कि दुनियाभर के कई एथलीटों ने पेरिस ओलंपिक में जीते गए पदकों को लेकर शिकायत की है। पेरिस ओलंपिक में एथलीटों ने अपने पदकों की घटिया गुणवत्ता वाली तस्वीरें सोशल मीडिया पर पोस्ट कीं। आरोपों के बाद, अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति ने कहा कि क्षतिग्रस्त ओलंपिक पदकों की मरम्मत पेरिस ओलंपिक समिति द्वारा की जाएगी तथा उन्हें नए पदकों के रूप में खिलाड़ियों को लौटा दिया जाएगा।
यह ध्यान देने योग्य बात है कि पेरिस ओलंपिक आयोजन समिति ने पदकों के उत्पादन के लिए मोनाई डे पेरिस को अनुबंध दिया था। यह एक सरकारी स्वामित्व वाली कंपनी है। जो फ्रांस के लिए सिक्के और अन्य मुद्राएं भी बनाता है। रिपोर्टों के अनुसार, संगठन अगले सप्ताह सभी एथलीटों के क्षतिग्रस्त पदक बदल देगा। आपको बता दें कि फ्रांसीसी कंपनी मोनाई डी पेरिस ने प्रत्येक पदक के लिए एफिल टॉवर के लोहे के टुकड़ों का इस्तेमाल किया है। इस कंपनी ने ओलंपिक खेलों के लिए 5,084 स्वर्ण, रजत और कांस्य पदक बनाए।
Manu Bhaker का रिकॉर्ड: इस संदर्भ में आपको बता दें कि Manu Bhaker ने महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा में पहला कांस्य पदक जीता था। इसके अलावा वह ओलंपिक में पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला निशानेबाज हैं। इसके बाद मनु ने मिश्रित 10 मीटर एयर पिस्टल टीम स्पर्धा में सरबजोत सिंह के साथ मिलकर एक और कांस्य पदक जीता। सबसे उल्लेखनीय बात यह है कि मनु देश की आजादी के बाद से ओलंपिक में दो पदक जीतने वाली पहली भारतीय हैं।