
Uttar Pradesh में एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है। यहां पाकिस्तानी नागरिकता वाली एक महिला ने जाली दस्तावेजों के आधार पर सरकारी स्कूल में सहायक शिक्षिका की नौकरी हासिल कर ली। इतना ही नहीं, यह पाकिस्तानी महिला नौ साल तक खुद को भारतीय नागरिक बताकर काम करती रही। जांच के दौरान पूरा मामला प्रकाश में आया, जिसके परिणामस्वरूप महिला को नौकरी से निकाल दिया गया।
पाकिस्तानी महिला शुमायला खान Uttar Pradesh के एक सरकारी स्कूल में सहायक शिक्षिका के पद पर कार्यरत थी। नौकरी पाने के लिए उसने खुद को सदर, रामपुर का निवासी बताया। इसके लिए उन्होंने दस्तावेज भी उपलब्ध कराए, हालांकि जब विभाग ने दस्तावेजों की गहनता से जांच की तो पता चला कि ये दस्तावेज फर्जी हैं। शुमायला खान को वर्ष 2015 में बरेली जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी के पद पर नियुक्त किया गया था। हालाँकि, विभाग को अपने कार्यकाल के अंत में शिकायतें प्राप्त हुईं।
जिसके बाद शिक्षा विभाग द्वारा जांच कराई गई, जिसमें सबसे महत्वपूर्ण साक्ष्य यानी आवासीय साक्ष्य की जांच की गई। हालांकि, 2015 में नौकरी पर रखी गई इस पाकिस्तानी महिला को 9 साल तक सरकारी लाभ मिलने के बावजूद इस दौरान कोई कार्रवाई नहीं की गई और आखिरकार पिछले साल अक्टूबर में उसे नौकरी से निकाल दिया गया। अब शिक्षा विभाग इस महिला के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की तैयारी कर रहा है। फतेहगंज के शिक्षा अधिकारी ने शुमायला खान के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। जिसके बाद पुलिस अब आरोपी शुमायला खान को गिरफ्तार करने की तैयारी कर रही है।