
नई दिल्ली: कांग्रेस नेता Sonia Gandhi द्वारा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को लेकर दिए गए एक बयान पर विवाद खड़ा हो गया है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बजट सत्र को संबोधित किया। इस पर टिप्पणी करते हुए Sonia Gandhi ने मीडिया से बात करते हुए अंग्रेजी में कहा कि बेचारी महिला, बेचारी राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू अपने भाषण के अंत में थक गईं, वह मुश्किल से बोल पा रही थीं। हालांकि, भाजपा ने इस बयान को लेकर कांग्रेस को घेरते हुए आरोप लगाया कि Sonia Gandhi ने राष्ट्रपति और आदिवासियों का अपमान किया है और माफी की मांग की। विवाद के बाद प्रियंका Gandhi ने मीडिया से बात की और अपनी मां Sonia Gandhi का बचाव किया।
भाजपा अध्यक्ष जे. पी। नड्डा ने कहा था कि Sonia Gandhi को बिना शर्त माफी मांगनी चाहिए और उनके बयान से कांग्रेस की गरीब विरोधी, आदिवासी विरोधी मानसिकता का पता चलता है। मैं मांग करता हूं कि कांग्रेस राष्ट्रपति और आदिवासी समुदाय से तुरंत माफी मांगे।
केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि यह अविश्वसनीय और चौंकाने वाला बयान है। क्या कांग्रेस वास्तव में लोकतंत्र में विश्वास रखने वाली राजनीतिक पार्टी है या यह अहंकारी लोगों की पार्टी है? क्या उन्हें राष्ट्राध्यक्ष के बारे में ऐसा कहने में कोई शर्म नहीं आती?
विवाद के बीच राष्ट्रपति भवन की ओर से बयान जारी कर कहा गया कि राष्ट्रपति को लेकर कांग्रेस नेताओं द्वारा दिया गया बयान दुखद है और उनके बयान पर ध्यान नहीं दिया जाना चाहिए। मीडिया से बातचीत में कांग्रेस नेताओं ने ऐसे बयान दिए हैं जो सर्वोच्च पद का अपमान करने वाले हैं। राष्ट्रपति थके नहीं थे, उन्हें किसानों, वंचितों और महिलाओं के बारे में बात करते हुए थकान महसूस नहीं होती। Sonia Gandhi का बचाव करते हुए लोकसभा सांसद प्रियंका Gandhi ने कहा कि मीडिया और भाजपा नेताओं ने Sonia Gandhi के बयान की गलत व्याख्या की है, मेरी मां Sonia 78 साल की हैं।
राष्ट्रपति ने बहुत लंबा भाषण पढ़ा, इसलिए उन्होंने कहा कि वे थक गये होंगे। Sonia Gandhi राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का पूरा सम्मान करती हैं, वे दोनों हमसे उम्र में बड़ी हैं।
संसद में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस महासचिव के. सी। वेणुगोपाल ने कहा कि राष्ट्रपति के समक्ष राजनीतिक भाषण दिया गया, उनके भाषण में कुछ भी नया नहीं है, केवल झूठ और शब्दजाल है। जबकि कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा कि राष्ट्रपति के अभिभाषण में सरकार की तथाकथित उपलब्धियों की बात की गई। राष्ट्रपति को अपनी बात अपने तरीके से कहने का अवसर नहीं दिया गया।