
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस: अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की पूर्व संध्या पर जारी एक रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2024 में सक्रिय ऋण लेने वाले उधारकर्ताओं की संख्या में महिलाएँ पुरुषों से आगे थीं। क्रेडिट इन्फॉर्मेशन कंपनी क्रिफ हाई मार्क की एक रिपोर्ट के मुताबिक, महिलाओं ने सिर्फ लोन लेने में ही नहीं बल्कि लोन रीपेमेंट में भी पुरुषों से बेहतर प्रदर्शन किया है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि दिसंबर 2024 तक, सक्रिय महिला उधारकर्ताओं की संख्या 10.8 प्रतिशत बढ़कर 83 मिलियन हो गई, जबकि पुरुष श्रेणी में वृद्धि केवल 6.5 प्रतिशत थी। गोल्ड लोन और दोपहिया ऋण को छोड़कर सभी श्रेणियों में महिलाओं का पुनर्भुगतान पुरुषों की तुलना में बेहतर रहा। 2024 में, गृह ऋण, व्यवसाय ऋण, कृषि और ट्रैक्टर ऋण, संपत्ति ऋण और शिक्षा ऋण में महिलाओं की पुनर्भुगतान क्षमता में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। इसके अलावा कंस्यूमर ड्यूरबल लोन के मामले में महिलाओं ने पुरुषों से बेहतर प्रदर्शन कर सबको चौंका दिया है।
रिपोर्ट के मुताबिक सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने 2024 में महिलाओं को कर्ज देने में ज्यादा दिलचस्पी दिखाई है। महिला कर्जदारों का बकाया कर्ज पोर्टफोलियो 18 प्रतिशत बढ़कर 36.5 लाख करोड़ रुपये हो गया है। हालांकि कुल देनदारों में महिलाओं की हिस्सेदारी 24 प्रतिशत पर स्थिर बनी रही।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि कर्जदारों में 35 साल और उससे कम उम्र की महिलाओं की हिस्सेदारी सबसे ज्यादा है। हालांकि, कुल ऋण में महिलाओं की हिस्सेदारी 2022 में 44.3 प्रतिशत से घटकर 2024 में 43.8 प्रतिशत हो गई है। होम लोन, बिजनेस लोन, प्रॉपर्टी लोन, ऑटो लोन, क्रेडिट कार्ड और एजुकेशन लोन के मामले में महाराष्ट्र महिलाओं की श्रेणी में सबसे ऊपर है।