
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), दिल्ली द्वारा अब सर्जरी के लिए सर्जिकल रोबोट का इस्तेमाल किया जा रहा है। यह चिकित्सा प्रौद्योगिकी में एक नई पहल है। यह सामान्य सर्जरी के लिए सर्जिकल रोबोट का उपयोग करने वाला भारत का पहला अस्पताल बन गया है। यह एक उन्नत तकनीक है जिसका उपयोग किया जा रहा है।
सर्जिकल रोबोट का लाभ यह है कि यह किसी भी चीज को उसके आकार से बड़ा बना सकता है। यह उस जगह का 3D दृश्य भी दिखा सकता है जहां सर्जरी की जानी है। साथ ही रोबोटिक आर्म से किसी भी जटिल जगह पर सर्जरी की जा सकती है। डॉक्टर सर्जरी को बहुत सटीक तरीके से और इस तरह से कर सकते हैं जिससे रोगी के अन्य हिस्सों को नुकसान न पहुंचे। यह रोबोटिक आर्म एक छोटी सी जगह तक भी पहुंच सकता है। एम्स में सर्जरी के प्रोफेसर डॉ. हेमांग भट्टाचार्जी कहते हैं, “इस तकनीक की मदद से कोलोरेक्टल सर्जरी, एसोफैजेक्टोमी और पैंक्रियाटिक सर्जरी को अच्छे से किया जा सकता है और इससे जटिलताएं भी कम होती हैं।
सर्जिकल रोबोट की मदद से मरीज कम समय में ठीक हो जाएगा और थोड़े समय के लिए अस्पताल में रहना होगा। कई सर्जरी में ऑपरेशन में काफी समय लग जाता है और मरीज के शरीर में अत्यधिक कट लग जाते हैं, जिसकी वजह से उसे ठीक होने में समय लगता है। हालांकि रोबोटिक आर्म की वजह से सिर्फ उतने ही जरूरी कट किए जाते हैं, जिसकी वजह से उसे रिकवर होने में कम समय लगेगा। समय कम होने पर मरीज को जल्द ही अस्पताल से छुट्टी दे दी जाएगी। यह सेवा सभी व्यक्तियों के लिए उपलब्ध होगी, न कि केवल अमीर रोगियों के लिए। सरकार द्वारा निजी और सरकारी अस्पतालों में सभी प्रकार की तकनीक को शामिल करने का ध्यान रखा जाएगा।
एम्स, दिल्ली में सर्जिकल रोबोट से न केवल मरीजों को बल्कि मेडिकल छात्रों को भी फायदा होगा। एम्स, दिल्ली के 100 छात्रों को इस नवीनतम तकनीक में प्रशिक्षित किया जा रहा है। इसलिए, एम्स, दिल्ली दुनिया के सर्वश्रेष्ठ चिकित्सा प्रौद्योगिकी संस्थान में शामिल हो गया है।