
IND VS ENG: भारत और इंग्लैंड के बीच पहला टी20 मैच कोलकाता के ईडन गार्डन्स मैदान पर खेला गया। टीम इंडिया ने यह मैच 7 विकेट से जीत लिया। भारत ने टॉस जीतकर पहले क्षेत्ररक्षण का फैसला किया। इसके बाद इंग्लैंड की टीम 20 ओवर में ऑलआउट होकर भारतीय टीम के सामने महज 133 रनों का मामूली लक्ष्य रख दिया। भारत ने यह लक्ष्य मात्र 12.5 ओवर में हासिल कर लिया।
भारत की ओर से Abhishek Sharma ने 79 रन (34 गेंद), संजू सैमसन ने 26 रन (20 गेंद) और कप्तान सूर्यकुमार यादव शून्य (3 गेंद) पर आउट हुए। Abhishek के आउट होने के बाद तिलक वर्मा ने नाबाद 19 रन (16 गेंद) और हार्दिक पांड्या ने नाबाद तीन रन (4 गेंद) बनाए। इस दौरान Abhishek और तिलक ने तीसरे विकेट के लिए 42 ओवर में 84 रनों की साझेदारी की। Abhishek की पारी की मदद से भारतीय टीम ने इंग्लैंड के खिलाफ पांच मैचों की टी-20 सीरीज का पहला मैच 7 विकेट से जीत लिया। भारत फिलहाल श्रृंखला में 1-0 से आगे चल रहा है। अब दूसरा मैच 25 जनवरी को चेन्नई में खेला जाएगा।
इंग्लैंड टीम की शुरुआत बहुत ख़राब रही. अर्शदीप सिंह ने शुरू से ही इंग्लैंड की टीम को घुटनों पर ला दिया। उन्होंने पहले ही ओवर में फिल साल्ट को अपना शिकार बना लिया। इसके बाद पारी के तीसरे ओवर में बेन डकेट रिंकू सिंह की गेंद पर कैच आउट हो गए। भारत की ओर से वरुण चक्रवर्ती ने तीन, अर्शदीप सिंह ने दो, अक्षर पटेल ने दो और हार्दिक पांड्या ने दो विकेट लिए। बल्लेबाजी की बात करें तो भारत की स्थिति भी शुरुआत में खराब दिख रही थी। संजू सैमसन 20 गेंदों पर 26 रन बनाकर आउट हुए। कप्तान सूर्यकुमार यादव अपना खाता भी नहीं खोल सके। हालांकि इसके बाद Abhishek Sharma ने मैदान संभाला और 34 गेंदों पर 79 रन बनाकर भारत की जीत में अहम भूमिका निभाई।
भारतीय तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी इस सीरीज के साथ टीम इंडिया में वापसी कर रहे हैं। लेकिन शमी को पहले टी-20 मैच के लिए टीम में शामिल नहीं किया गया, जिससे उनकी फिटनेस पर फिर सवाल उठने लगे हैं और प्रशंसकों को उनके चैंपियंस ट्रॉफी में खेलने पर भी संदेह है।
भारतीय टीम ने अब तक ईडन गार्डन्स पर कुल 8 टी-20 मैच खेले हैं, जिनमें से केवल एक में हार मिली और एक ड्रा रहा। एकमात्र मैच जिसमें टीम हारी थी वह इंग्लैंड के खिलाफ था। 5 मैचों की इस सीरीज में भारत ने पहला मैच जीत लिया है। मौजूदा टीम में ज्यादातर क्रिकेटर वे हैं जिन्हें चैंपियंस ट्रॉफी के लिए भारतीय टीम में जगह नहीं मिली थी। इसलिए ये खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खुद को साबित करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं।