
पेट्रोल-डीजल को GST में शामिल करने की फिलहाल कोई तैयारी नहीं है। केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्रालय ने राज्यसभा में एक सवाल के जवाब में यह जानकारी दी है। केंद्रीय मंत्रालय ने राज्यसभा में जानकारी देते हुए कहा कि पेट्रोल-डीजल को GST के दायरे में लाने के लिए GST काउंसिल की सिफारिश जरूरी है। GST काउंसिल में देश के सभी राज्य शामिल हैं और उन्होंने पेट्रोल-डीजल को GST के दायरे में लाने को लेकर अभी तक कोई सलाह या सिफारिश नहीं की है।
पेट्रोलियम मंत्रालय ने यह भी कहा कि GST परिषद की 55वीं बैठक 21 दिसंबर, 2024 को हुई थी, जिसमें विमानों में इस्तेमाल होने वाले ईंधन को GST के दायरे में लाने पर चर्चा हुई थी। लेकिन GST परिषद ने सिफारिश को खारिज कर दिया था।
जब भी केंद्र सरकार से पूछा गया कि क्या पेट्रोल और डीजल को GST में शामिल करने के बारे में कोई विचार है, केंद्र सरकार ने जवाब दिया कि इसका फैसला GST काउंसिल करेगी। इस परिषद में देश के सभी राज्यों के प्रतिनिधि मौजूद हैं।
केंद्र सरकार पहले भी यही कहती रही है कि जब भी GST काउंसिल के सामने यह मुद्दा आया, सभी राज्यों ने पेट्रोल-डीजल को GST के दायरे में लाने से साफ इनकार कर दिया। ऐसे में यह कहना गलत है कि केंद्र सरकार पेट्रोल-डीजल को GST के दायरे में नहीं लाना चाहती है। चूंकि GST काउंसिल में सभी राज्यों के प्रतिनिधि होते हैं, अगर वह इस प्रस्ताव को खारिज करती है तो केंद्र सरकार GST काउंसिल की मंजूरी के बिना पेट्रोल-डीजल को GST के तहत शामिल नहीं कर सकती है।