
उत्तर कश्मीर में नियंत्रण रेखा के पास दक्षिण कश्मीर से नौलगाम (कुपवाड़ा) तक, पहलगाम आतंकी हमले की निंदा करते हुए मंगलवार शाम स्थानीय लोगों द्वारा एक कैंडल मार्च निकाला गया।
श्रीनगर में मस्जिदों पर बैसारन हमले की निंदा करते हुए उन्होंने कहा कि हमलावर इस्लाम और कश्मीरियत के दुश्मन थे। बैसारन हमले के बाद पूरी घाटी के लोगों में गुस्सा है।
पहलगाम के स्थानीय लोगों ने पीड़ितों के प्रति एकजुटता व्यक्त करने के लिए शाम को कैंडल मार्च निकाला। इसमें युवाओं, दुकानदारों और होटल मालिकों ने भाग लिया। वे ‘हम शांति के लिए खड़े हैं’ और ‘पर्यटक हमारे मेहमान हैं’ जैसे पोस्टर के साथ मार्च में शामिल हुए। पुलवामा, बडगाम, शोपियां, श्रीनगर के अलावा उत्तरी कश्मीर के बारामूला, बांदीपोरा और कुपवाड़ा में भी स्थानीय लोगों ने कैंडल मार्च निकाला।
मंगलवार शाम को ईशा की नमाज के दौरान घाटी की लगभग हर मस्जिद के लाउडस्पीकर पर बैसारन हमले की निंदा हुई। इस बीच, लोगों से बुधवार के कश्मीर बंद को सफल बनाने के लिए कहा गया ताकि कश्मीरियत और इस्लाम के दुश्मनों के इस नापाक कृत्य के खिलाफ अपना गुस्सा व्यक्त करने के लिए बैसरां के शहीदों और उनके परिवारों के प्रति अपनी सहानुभूति व्यक्त की जा सके।
जम्मू-कश्मीर के मशहूर पर्यटन स्थल पहलगाम घूमने आए पर्यटकों पर मंगलवार को आतंकियों ने बड़ा हमला किया। पांच आतंकी वहां रिजॉर्ट में घुस गए और एक के बाद एक पर्यटकों पर फायरिंग शुरू कर दी। आतंकियों ने पर्यटकों के नाम और धर्म पूछने पर उन पर गोली चला दी। आतंकियों ने करीब 20 से 25 मिनट तक इस किलर गेम को खेला और फिर जंगल की ओर भाग निकले। इस हमले में कम से कम 28 लोगों की मौत हो गई है। पहलगाम में हुए इस भीषण नरसंहार के बाद लोगों में डर का माहौल है।