
35 साल बाद कश्मीर बंद: 35 साल में पहली बार पहलगाम में हुए आतंकी हमले के मद्देनजर कश्मीर घाटी में पूरी तरह से बंद का आह्वान किया गया है। नृशंस हमले में कई लोगों की मौत ने लोगों में गुस्सा भड़का दिया है। लोग सड़कों पर उतरकर आक्रामक कार्रवाई की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। समाज के सभी वर्गों के लोग हमले की निंदा कर रहे हैं। वे सरकार के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं।
श्रीनगर में अधिकांश दुकानें, ईंधन स्टेशन और अन्य व्यवसाय बंद का पालन कर रहे हैं। शहर में केवल आवश्यक वस्तुओं की दुकानें खुली हैं। कुछ क्षेत्रों में सार्वजनिक परिवहन सेवा चालू है। जबकि कुछ जगहों पर यह बंद है। निजी वाहन चल रहे हैं। निजी स्कूल बंद हैं जबकि सरकारी स्कूल चालू हैं। श्रीनगर सहित कश्मीर में सभी स्थानों पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। सुरक्षाकर्मियों ने तलाशी अभियान शुरू कर दिया है।
कश्मीर घाटी में स्थानीय लोगों द्वारा शांतिपूर्ण प्रदर्शन किए जा रहे हैं। इस हमले में अब तक करीब 28 लोगों की मौत हो चुकी है। मरने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है। इससे पूरे भारत में शोक का माहौल बन गया है। लोगों ने दोषियों को कड़ी सजा देने की मांग की है। कई राजनीतिक दलों, सामाजिक-धार्मिक संगठनों, ट्रेड यूनियनों और नागरिकों ने कश्मीर बंद को समर्थन दिया है।
35 साल में पहली बार कश्मीर में व्यापार और कारोबार पूरी तरह से बंद किया गया है। कश्मीर चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री, कश्मीर ट्रेडर्स एंड मैन्युफैक्चरर्स फेडरेशन बंद का समर्थन कर रहा है। पीड़ितों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए, कश्मीर विश्वविद्यालय ने सभी परीक्षाएं स्थगित कर दी हैं।